1. समीना हम तुम मारे जाएंगे समीना ! निश्चित ही होगी हत्या हमारी मैं पंडित होकर भी होना चाहता हूँ तुम्हारा और तुम भी साथ होना चाहती हो मेरे इसका अंत इस से ज्यादा कुछ नहीं हो सकता कि मारे जाएंगे अंततः हमदोनों, हो सकता है कि तुम्हारे परिजनों के चाकू मेरे गर्दन को जब धीरे-धीरे सहलायें तो मुझे उस वक्त याद आयेगी तुम्हारी मदहोश कर देने वाली आव…
आगू पढू...जँ समुच्चा ग्लोब केँ एकटा रंगमंच मानी त' देखा पड़ैछ जे सबठाम नाटके चलि रहल अछि। सब व्यस्त अछि नाटके मे। सब नटकीया। सब ओस्ताज। घमासान एहि केँ जे 'बड़ा नाटकीया के !', मुदा एहि नाटक मे जे नहि तय क' पबैत छी हम वा आहाँ से छैक 'स्क्रिप्ट'। हमरा अहाँक जे स्क्रिप्ट लीखि रहलाह अछि तकरा पर हम आ अहाँ खेलाइत रहैत छी पटाक्षेप तक चलय वला एकटा अंतहीन नाटक। …
आगू पढू...1. नानी कतेको राग-उपरागक अछैतो चुप्पे बिलहैत रहलै अप्पन एकमात्र आमदनी सूदिक पाइ हम्मर माम सबहक भरण-पोषण मे, मुदा मामा लोकनि भरित-पोषित भेलाक बाद भ' गेलथिन एकात मुदा ताहि सँ कोनो खास फर्क नै पड़लैक परिवर्तन बस यैह भेलैक जे पहिले खुअबैक पंचटकिया टॉफी आ आब चारिअनिया लबनचूस, चुप्पे, मामा सँ नुका कए हम्मर ममियौत सब के, मुदा से कतेक दिन खुऔतैक ब…
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