बहुत दिन पर मीनाक माय सँ भेंट भेल छलैक। हाल-सूरतिक गपसपक क्रम मे आदित्य केँ कहलनि, "मीना सँ गप नहि भेलए ? बड़ जोड़ दुखित अछि। मधबन्नी जायब, तँ देखि अयबै कने।" "नहि, एम्हर दू-तीन मास सँ गप नहि भ' सकल अछि। की भेलैए?" "किछ ने।" ट्रे मे चाह अनैत मीनाक मझिली बहिन नेहा बाजलि, "हिनका बुझल नहि हेतनि थोड़बे? ओहिना बजैत छथुन।…
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