बैद्यनाथ मिश्र ‘ यात्री ’ , राजकमल चौधरी, हरिमोहन झा , पं. गोविंद झा , चंद्रनाथ मिश्र ‘ अमर ’ आदि – मैथिली साहित्य मे अलग – अलग विधा सभ मे लिखैत रहलाह अछि आ चर्चित सेहो भेलाह । जेना – ‘ यात्री ’ जतेक पैघ कवि भेलाह ओतबे सम्मान हुनका गद्य रचना मे सेहो भेटलनि । यैह गप्प हरिमोहन झा, राजकमल चौधरी आदि लेल सेहो कहि सकैत छियनि , मुदा उदय नारायण…
आगू पढू...पनरह किलोमीटरक बाट पार कयलाक बाद राम पदारथ पाठकक मोन बन्हयलनि। भरोस भेलनि जे मित्रक जन्मदिनक आयोजनमे समय पर उपस्थित भ ' सकताह। अगिला दू दिन छुट्टी छनि। तेँ ओहि दिन आधा दिनक बाद औफिस सँ बहरा गेल छलाह। साहेबक मूड नीक छलनि मने। तेँ हुनका छुट्टी द ' देलखिन। मुदा , अपन हिस्सकक अनुसारे कहिए देने रहथिन जे औफिसक काज सभ ओरिया क ' जाथि। ओ साहेब केँ कहने…
आगू पढू...1. प्रेम करबाक आश्वासन ज्ञात अछि हमरा एक दिन नहि रहब हम आ हमर मोनक संग ध्वस्त भऽ जायत हमर संसार तखन हमरा पर हमर अनुपस्थिति मे नोर बहायत लोक विरोधियो करत हमर प्रशंसा तुष्ट करत अपन निर्विरोध अहम् केँ मृत्यु केँ पाग पहिरबैत लोक कियैक हुसि जाइत अछि जीवन मे कियैक नै क' पबैत अछि प्रेम जखन कि बुझैयै लोक घृणाक कुंड मे उबजुब करैत ओकरा प्रेमे तऽ उबारने छैक बेर-बेर पता नै …
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