कदीमाक फूल तँ सभ देखने होयब आ ओकर शोभापर मुग्धो भेल होयब मुदा कहियो कुम्हड़ोक फूलपर ध्यान गेल अछि? एहूमे किछु शोभा छैक, एकरो कोनो उपयोग छैक, से सभ नहि जनैत होयत। से जनत होयत ओ बहिन जकर हृदय कहियो भ्रातृस्नेहक बाढ़िसँ उमड़ि उठल होयतैक; से जनैत होयत ओ भाग्यवान भाय जकर हाथ कहियो बहिन सिनूर-पिठार फूल-पानसँ पुजने होयतैक। किरणो नहि फूटल अछि ता चारि-पाँच कुमारि कन्यासभ महिसि…
आगू पढू...बैद्यनाथ मिश्र ‘ यात्री ’ , राजकमल चौधरी, हरिमोहन झा , पं. गोविंद झा , चंद्रनाथ मिश्र ‘ अमर ’ आदि – मैथिली साहित्य मे अलग – अलग विधा सभ मे लिखैत रहलाह अछि आ चर्चित सेहो भेलाह । जेना – ‘ यात्री ’ जतेक पैघ कवि भेलाह ओतबे सम्मान हुनका गद्य रचना मे सेहो भेटलनि । यैह गप्प हरिमोहन झा, राजकमल चौधरी आदि लेल सेहो कहि सकैत छियनि , मुदा उदय नारायण…
आगू पढू...पनरह किलोमीटरक बाट पार कयलाक बाद राम पदारथ पाठकक मोन बन्हयलनि। भरोस भेलनि जे मित्रक जन्मदिनक आयोजनमे समय पर उपस्थित भ ' सकताह। अगिला दू दिन छुट्टी छनि। तेँ ओहि दिन आधा दिनक बाद औफिस सँ बहरा गेल छलाह। साहेबक मूड नीक छलनि मने। तेँ हुनका छुट्टी द ' देलखिन। मुदा , अपन हिस्सकक अनुसारे कहिए देने रहथिन जे औफिसक काज सभ ओरिया क ' जाथि। ओ साहेब केँ कहने…
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