चैतन्यदेव बंगालक एकटा समर्थ सांस्कृतिक नायक रूप मे प्रसिद्ध भेल छथि । हिनकर जीवनी पढ़ला सँ आ हिनकहि परम्पराक परवर्ती आचार्यलोकनिक साहित्य देखलासँ एतबा अवश्य स्पष्ट होइछ जे हिनक जीवन मे नाट्य - विधाक बेस महत्व छल । नाटक - लीलादिक कतेको आयोजन कएने रहथि । कानाइ नाटशाला त ’ हिनकहि सम्पर्क पाबि प्रसिद्ध भेल छल । कहल जाइछ…
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