मैथिली मे त’ आब कएक टा सिनेमा बनि गेल अछि। घुसकुनियाँ कटैत ई क्रम चलितो रहत से कहल जा सकैत अछि। एकर गुणवत्ता आ निर्माणक बहस होइते रहत आ तकर अछैत मैथिली अपन किछु घबाह आशावादक संग ‘रील लाइफ’क यात्र तय करिते रहत। मुदा मैथिलीक फिल्म निर्माणक 50 वर्ष होइतहुँ ई एकटा कर्णचुम्बी आँकड़ा सँ बेसी किछु नहि कायम भ’ रहल अछि। मैथिलीक गीतनादक मंच पर रवीन्द्र-महेन्द्रक जोड़ी सुविख्य…
आगू पढू...‘‘तों हमर आब केन्द्रविन्दु बनि गेल छें।’’ ‘‘आऽ तों हमर की बनि गेल छें ?’’ ‘‘हम छी बनि गेल तोहर परिधि। चारु दिससऽ तोरा आवृत कएने।’’ ‘‘तखन हमर तोहर एकठाम हैब कोना संभव अछि संदीप ? तों हमर परिधि बनल चारुभर घुमैत रहबें आ हम केन्द्र बनि निश्चल अपन स्थानमे सटल रहब। तखन तऽ भेल प्रेमक सबटा गुड़ गोबर।’’ रेखा बाजलि। ‘‘न्न ! से कोना हेतैक गुड़ गोबर। एखन हमर बनाबट पूरा कहाँ भेलए।…
आगू पढू...महाप्रभु श्री चैतन्यदेव समस्त मानव समुदाय हेतु पाबनि-तिहारक एकटा विशेष महत्व अछि। एकटा खास तरहक जीवन शैलीमे दीर्घकाल धरि रचैत-बसैत लोकक मनः स्थितिमे एक प्रकारक श्रांति आबि जाइत छैक जे कि जीवनक आनो प्रभागके प्रभावित करय लगैत छैक। एहि श्रांति (थाकनि) के पुनर्गति प्रदान करबाक हेतु मानवक जीवन शैलीमे उत्सवक व्यवस्था धराओल गेल अछि। ई उत्सव आ कि पाबनि तेहार अपन विभि…
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