गजलमे एकटा रिवाज़ छलैक जाहिमे जँ कोनो लेखककेँ कोनो आन लेखकक मतला पसिन्न आबि जाइत छलनि त' ओ ओहि पूरा मतला वा ओकर एकटा पाँतिकेँ ल' क' अपन एकटा नव गजल लिखैत छलाह। जाहि नव रचनाक विषय-वस्तु आ प्रकृति लगभग भिन्न रहैत छल मूल पाँतिक लेखककसँ । एकरा उत्कृष्ट उदाहरण हैदराबादक प्रसिद्ध शायर मखदूम आ मशहूर पाकिस्तानी शायर फ़ैज़क गजल "आपकी याद आती रही रात भर" अ…
आगू पढू...बर्ष 2017क जुलाई-अगस्तक गप थिक । मैसेंजर पर कृष्णमोहन जीक मैसेज आयल । लिखल छल- "अहाँक पोथी हमरा घरमे अहाँक प्रतीक्षा क' रहल अछि। अपन पता पठाबी।" ई पहिल गप छल हिनकासँ । तकर बाद बस पोथी प्राप्त भेल तकर सूचना पठेने रहियनि । लगले हैदराबाद शिफ्ट भ' गेल रही तैं पूरा पोथी नै पढ़ल भेल छल । ई मुदा लगैत रहैत छल जे व्यक्ति एतेक सहजतासँ बिनु ब…
आगू पढू...मैथिलीमे बहुत कम कवि छथि जिनका मादे कहि सकैत छी जे ओ 'मैथिलीक कवि' छथि । एखन मैथिलीमे चुट्टासँ शब्द पकड़ि कवितामे सन्हिया क' एकटा अनावश्यक प्रभाव उत्पन्न करबाक चलनिसारि उफानपर अछि ।दिनानुदिन चमत्कृत करबाक प्रयास करय बला कविक सभक लिस्ट बेस नमहर भेल जा रहल अछि । शब्दजाल गढ़बाक हिस्सक बढ़ल अछि । पुरखा सब जाहि वस्तुकेँ दुरूहसँ सरल बनओने रहथि तकरा पुनः दुरूह बन…
आगू पढू...मैथिली साहित्य मे उपन्यासक संख्या बड्ड थोड़ रहल अछि । डॉ. अमरेश पाठक, कथाकार अशोक, डॉ. रामानंद झा रमण आ डॉ. बिभूति आनंदक हिसाबे लगभग 250 उपन्यास अछि एखनधरि । हेबनि मे किछु आओरो उपन्यास सब लिखायल अछि । कहबाक माने ई जे मानल जा सकैछ जे गोटेक तीन सय उपन्यास होयत अपन मैथिली साहित्य मे । आ से कहल जे समुच्चा मैथिली उपन्यास वैवाहिक चिन्ता, कनियाँ-पुतरा, घोंघाउज-पुराण, म…
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